Wednesday, 11 May 2016
Sunday, 8 May 2016
Thursday, 5 May 2016
Tuesday, 3 May 2016
Love marriage astrology प्रेम विवाह
जब किसी लड़का और लड़की के बीच प्रेम होता है तो वे साथ साथ जीवन बीताने की ख्वाहिश रखते हैं और विवाह करना चाहते हैं। कोई प्रेमी अपनी मंजिल पाने में सफल होता है यानी उनकी शादी उसी से होती है जिसे वे चाहते हैं और कुछ इसमे नाकामयाब होते हैं। ज्योतिषशास्त्री इसके लिए ग्रह योग को जिम्मेवार मानते हैं। देखते हैं ग्रह योग कुण्डली में क्या कहते हैं।
ज्योतिषशास्त्र में "शुक्र ग्रह" को प्रेम का कारक माना गया है (Venus is the significator of love according to Vedic Jyotish)। कुण्डली में लग्न, पंचम, सप्तम तथा एकादश भावों से शुक्र का सम्बन्ध होने पर व्यक्ति में प्रेमी स्वभाव का होता है। प्रेम होना अलग बात है और प्रेम का विवाह में परिणत होना अलग बात है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पंचम भाव प्रेम का भाव होता है और सप्तम भाव विवाह का। पंचम भाव का सम्बन्ध जब सप्तम भाव से होता है तब दो प्रेमी वैवाहिक सूत्र में बंधते हैं। नवम भाव से पंचम का शुभ सम्बन्ध होने पर भी दो प्रेमी पति पत्नी बनकर दाम्पत्य जीवन का सुख प्राप्त करते हैं।
ऐसा नहीं है कि केवल इन्हीं स्थितियो मे प्रेम विवाह हो सकता है। अगर आपकी कुण्डली में यह स्थिति नहीं बन रही है तो कोई बात नहीं है हो सकता है कि किसी अन्य स्थिति के होने से आपका प्रेम सफल हो और आप अपने प्रेमी को अपने जीवनसाथी के रूप में प्राप्त करें। पंचम भाव का स्वामी पंचमेश शुक्र अगर सप्तम भाव में स्थित है तब भी प्रेम विवाह की प्रबल संभावना बनती है (If the lord of fifth house Venus is placed in the seventh house, there is a possibility of love-marriage)। शुक्र अगर अपने घर में मौजूद हो तब भी प्रेम विवाह का योग बनता है।
ज्योतिषशास्त्र में "शुक्र ग्रह" को प्रेम का कारक माना गया है (Venus is the significator of love according to Vedic Jyotish)। कुण्डली में लग्न, पंचम, सप्तम तथा एकादश भावों से शुक्र का सम्बन्ध होने पर व्यक्ति में प्रेमी स्वभाव का होता है। प्रेम होना अलग बात है और प्रेम का विवाह में परिणत होना अलग बात है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार पंचम भाव प्रेम का भाव होता है और सप्तम भाव विवाह का। पंचम भाव का सम्बन्ध जब सप्तम भाव से होता है तब दो प्रेमी वैवाहिक सूत्र में बंधते हैं। नवम भाव से पंचम का शुभ सम्बन्ध होने पर भी दो प्रेमी पति पत्नी बनकर दाम्पत्य जीवन का सुख प्राप्त करते हैं।
ऐसा नहीं है कि केवल इन्हीं स्थितियो मे प्रेम विवाह हो सकता है। अगर आपकी कुण्डली में यह स्थिति नहीं बन रही है तो कोई बात नहीं है हो सकता है कि किसी अन्य स्थिति के होने से आपका प्रेम सफल हो और आप अपने प्रेमी को अपने जीवनसाथी के रूप में प्राप्त करें। पंचम भाव का स्वामी पंचमेश शुक्र अगर सप्तम भाव में स्थित है तब भी प्रेम विवाह की प्रबल संभावना बनती है (If the lord of fifth house Venus is placed in the seventh house, there is a possibility of love-marriage)। शुक्र अगर अपने घर में मौजूद हो तब भी प्रेम विवाह का योग बनता है।
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